गौतम बुद्ध नगर | 25 जून 2025
आज 25 जून को भारत के लोकतांत्रिक इतिहास की सबसे निर्णायक घटनाओं में से एक—राष्ट्रीय आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर गौतम बुद्ध नगर प्रशासन द्वारा विकास भवन सभागार में एक विशेष कार्यक्रम "स्मरणोत्सव" का आयोजन किया गया। इस आयोजन का उद्देश्य आपातकाल की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, उससे जुड़ी त्रासदियों और उससे मिले सबकों को जनमानस तक पहुंचाना और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति नई प्रतिबद्धता प्रकट करना था।
स्मरणोत्सव की अध्यक्षता मुख्य विकास अधिकारी ने की
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) विद्यानाथ शुक्ला की अध्यक्षता में कार्यक्रम का आयोजन हुआ। उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि,
“आपातकाल केवल एक तारीख नहीं, बल्कि भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में ऐसा मोड़ था जिसने नागरिक अधिकारों, प्रेस की स्वतंत्रता, न्याय प्रणाली और राजनीतिक विपक्ष की अग्नि परीक्षा ली। इस त्रासदी से मिली सीखें आज भी हमें सचेत करती हैं कि लोकतंत्र कोई स्थिर व्यवस्था नहीं, बल्कि सतत संरक्षण की मांग करने वाला विश्वास है।”
सीडीओ ने बताया कि वर्ष 1975 में लगाए गए आपातकाल के दौरान संविधान के अनुच्छेद 352 के अंतर्गत नागरिकों के मौलिक अधिकार स्थगित कर दिए गए थे, प्रेस पर सेंसरशिप लागू की गई थी और हजारों राजनैतिक नेताओं को जेल में डाल दिया गया था। परंतु 1977 में भारत की जनता ने अपने मताधिकार से यह सिद्ध कर दिया कि लोकतंत्र इस देश की आत्मा है, और वही इसकी सबसे बड़ी ताकत भी है।
"नो साइलेंस ऑन डेमोक्रेसी" – हस्ताक्षर अभियान का आयोजन
कार्यक्रम के दौरान एक विशेष सामूहिक हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया, जिसमें सभी उपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों ने "लोकतंत्र की रक्षा एवं संविधान के प्रति निष्ठा" का संकल्प लिया। विकास भवन परिसर में विशेष रूप से तैयार कैनवास सेट पर सभी जिला स्तरीय अधिकारियों ने अपने हस्ताक्षर करते हुए यह संकल्प व्यक्त किया कि वे लोकतंत्र, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और नागरिक अधिकारों के प्रति सदैव सजग रहेंगे।

अधिकारियों ने साझा किए अपने विचार
कार्यक्रम में जिला विकास अधिकारी शिव प्रताप परमेश, जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. धर्मवीर सिंह, उपायुक्त उद्योग अनिल कुमार, जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी शिवराज सिंह, जिला समाज कल्याण अधिकारी सतीश कुमार सहित अन्य अधिकारियों ने भी आपातकाल के संदर्भ में अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि यह आयोजन सिर्फ इतिहास को दोहराने भर का नहीं, बल्कि यह वर्तमान और भविष्य को सुरक्षित करने का प्रयास है।
एक वर्ष तक चलेगा स्मरणोत्सव कार्यक्रम
मुख्य विकास अधिकारी विद्यानाथ शुक्ला ने बताया कि आपातकाल स्मरणोत्सव को अब एक वर्ष भर चलने वाला जनसंपर्क कार्यक्रम बनाया जाएगा। यह अभियान 25 जून 2025 से 25 जून 2026 तक जिले की सभी विधानसभाओं और विकासखंडों में आयोजित किया जाएगा। इस दौरान आम जनता, विद्यार्थियों, शिक्षकों और सामाजिक संगठनों को इसमें भागीदार बनाया जाएगा।

विद्यालयों में हुआ आयोजन – जागरूकता, संवाद और लोकतांत्रिक समझ को मिला बढ़ावा
जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. धर्मवीर सिंह ने जानकारी दी कि जनपद के कई स्कूलों में इस अवसर पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए।
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राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, होशियापुर सेक्टर-51, नोएडा
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वैदिक कन्या इंटर कॉलेज, दादरी
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बिहारी लाल इंटर कॉलेज, दनकौर
इन विद्यालयों में वाद-विवाद प्रतियोगिता, भाषण, पोस्टर मेकिंग, और संगोष्ठी जैसे रचनात्मक कार्यक्रम आयोजित किए गए। छात्रों ने आपातकाल, लोकतंत्र, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और भारतीय संविधान पर आधारित विषयों पर अपने विचार प्रस्तुत किए।

आपातकाल: एक ऐतिहासिक चेतावनी
कार्यक्रम के अंत में अधिकारियों ने एक सुर में कहा कि आपातकाल एक ऐतिहासिक त्रासदी जरूर था, परन्तु उससे सीखा गया सबक आज की पीढ़ी के लिए चेतावनी है। लोकतंत्र की रक्षा सिर्फ सरकार की नहीं, बल्कि हर जागरूक नागरिक की जिम्मेदारी है।
मुख्य विकास अधिकारी ने कहा,
“हमें लोकतंत्र, संवैधानिक संस्थाओं, निष्पक्ष चुनावों और नागरिक स्वतंत्रताओं के मूल्यों को लेकर सजग रहना चाहिए। यही आज के इस स्मरणोत्सव का उद्देश्य और संदेश है।”

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