जेएसएस यूनिवर्सिटी, नोएडा के कैफेटेरिया में आयोजित महिला सशक्तिकरण स्लोगन लेखन एवं जैमिंग सेशन में लगभग 100 विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। “सशक्त महिलाएं, सशक्त राष्ट्र” थीम पर आधारित इस कार्यक्रम में भाषण, कविता, स्लोगन लेखन और संगीत प्रस्तुतियों के माध्यम से महिलाओं की शक्ति, नेतृत्व और समान अधिकारों को रेखांकित किया गया। आयोजन ने मिशन शक्ति की भावना के अनुरूप जागरूकता, रचनात्मकता और सामाजिक संवेदनशीलता को बढ़ावा दिया।
जेएसएस यूनिवर्सिटी, नोएडा के कैफेटेरिया में महिला सशक्तिकरण स्लोगन लेखन कार्यक्रम एवं जैमिंग सेशन का सफल आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन कलाकृति – जेएसएस यूनिवर्सिटी नोएडा की आधिकारिक सांस्कृतिक समिति द्वारा किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं के सशक्तिकरण, समानता और रचनात्मक अभिव्यक्ति को बढ़ावा देना था।
कार्यक्रम की थीम “सशक्त महिलाएं, सशक्त राष्ट्र” रही, जिसके अंतर्गत विद्यार्थियों ने अपने विचार शब्दों, कला और संगीत के माध्यम से प्रस्तुत किए। कार्यक्रम की शुरुआत प्रेरणादायक भाषणों, कविता पाठ और खुली चर्चाओं से हुई, जिनमें महिला अधिकारों, नेतृत्व और लैंगिक समानता जैसे विषयों पर विचार साझा किए गए। विद्यार्थियों ने महिला सशक्तिकरण से जुड़े अपने व्यक्तिगत अनुभव भी बताए, जिससे संवाद और जागरूकता का सकारात्मक वातावरण बना।

कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण स्लोगन लेखन गतिविधि रही, जिसमें छात्रों ने महिलाओं की शक्ति, आत्मनिर्भरता और समान अधिकारों को दर्शाते हुए प्रभावशाली नारे लिखे। कार्यक्रम में प्रस्तुत कुछ सराहनीय स्लोगन इस प्रकार रहे —
“सशक्त महिलाएं, असीम संभावनाएं”,
“ताकत का कोई लिंग नहीं होता”,
“आज समानता, कल नेतृत्व”।
इसके पश्चात आयोजित जैमिंग सेशन में छात्रों ने गायन एवं वादन के माध्यम से अपनी संगीत प्रतिभा का प्रदर्शन किया। यह सत्र उत्साह, सहभागिता और समावेशिता से भरपूर रहा, जिसने पूरे कार्यक्रम को और अधिक जीवंत बना दिया।
इस आयोजन में लगभग 100 विद्यार्थियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। कार्यक्रम ने छात्रों के बीच लैंगिक संवेदनशीलता, आत्मविश्वास और रचनात्मक सहयोग को बढ़ावा दिया। साथ ही, यह आयोजन मिशन शक्ति की भावना को भी दर्शाता है, जिसके तहत शब्दों, कला और अभिव्यक्ति के माध्यम से महिला सशक्तिकरण को प्रोत्साहित किया गया।
कुल मिलाकर, यह कार्यक्रम जेएसएस यूनिवर्सिटी नोएडा और कलाकृति समिति की एक सराहनीय पहल रही, जिसने युवाओं को एक समावेशी, जागरूक और सशक्त समाज के निर्माण की दिशा में प्रेरित किया।
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