JSS यूनिवर्सिटी, नोएडा में महिला उत्पीड़न रोकथाम को लेकर एक व्यापक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों को लैंगिक सम्मान, कार्यस्थल नैतिकता और उत्पीड़न से निपटने के कानूनी व संस्थागत प्रावधानों की जानकारी दी गई। यह कार्यक्रम मिशन शक्ति 5.0 तथा सतत विकास लक्ष्यों (SDG-5: जेंडर समानता और SDG-16: शांति, न्याय एवं सशक्त संस्थान) के उद्देश्यों के अनुरूप आयोजित किया गया।
छात्रों में लैंगिक सम्मान, सुरक्षित वातावरण और जिम्मेदार व्यवहार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से JSS यूनिवर्सिटी, नोएडा में “महिला उत्पीड़न रोकथाम जागरूकता कार्यक्रम” का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को जेंडर सेंसिटाइजेशन, कार्यस्थल एवं शैक्षणिक परिसरों में नैतिक आचरण तथा उत्पीड़न की रोकथाम और शिकायत निवारण से जुड़े तंत्रों के प्रति जागरूक करना रहा।
कार्यक्रम की मुख्य वक्ता डॉ. छाया ग्रोवर, सदस्य – महिला प्रकोष्ठ, JSS यूनिवर्सिटी नोएडा रहीं। उन्होंने अपने संबोधन में कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की रोकथाम से जुड़े कानूनों, विशेष रूप से POSH एक्ट 2013 के प्रावधानों, आंतरिक शिकायत समिति (ICC) की भूमिका और शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया पर विस्तार से जानकारी दी।
डॉ. ग्रोवर ने कहा कि लैंगिक संवेदनशीलता केवल कानून का विषय नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी भी है। उन्होंने छात्रों को आपसी सम्मान, मर्यादित व्यवहार और सुरक्षित वातावरण निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया।

कार्यक्रम के दौरान वास्तविक जीवन के मामलों पर चर्चा और इंटरएक्टिव प्रश्नोत्तर सत्र आयोजित किए गए, जिससे छात्रों को यह समझने में मदद मिली कि उत्पीड़न की पहचान कैसे करें, उससे कैसे बचाव करें और किसी भी असहज स्थिति में किस प्रकार उचित मंच पर शिकायत दर्ज कराई जाए।
इस जागरूकता सत्र में कुल 650 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया, जिनमें 280 छात्राएं और 370 छात्र शामिल थे। इसके साथ ही कई फैकल्टी सदस्यों की उपस्थिति ने संस्थान की लैंगिक सुरक्षा और समानता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाया।
कार्यक्रम के परिणामस्वरूप छात्रों में अपने अधिकारों, कर्तव्यों और विश्वविद्यालय के शिकायत निवारण तंत्र को लेकर समझ और जागरूकता बढ़ी। साथ ही, कैंपस में सुरक्षित, समावेशी और सम्मानजनक वातावरण को मजबूत करने की दिशा में यह पहल एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई, जो मिशन शक्ति 5.0 और SDG-5 (जेंडर समानता) के लक्ष्यों को सशक्त रूप से समर्थन देती है।
COMMENTS