देश में एक बार फिर कोरोना संक्रमण धीरे-धीरे बढ़ता नजर आ रहा है। केरल, कर्नाटक, गुजरात से लेकर उत्तर प्रदेश और नॉर्थ ईस्ट तक नए केस सामने आ रहे हैं। इस बार चुनौती नए कोविड वैरिएंट्स की है — जिनमें से JN.1 और NB.1.8.1 सबसे तेज़ी से फैल रहे हैं। देश में अब तक 12 मौतें हो चुकी हैं, और प्रधानमंत्री के दौरे से पहले सुरक्षा के इंतजाम तेज़ कर दिए गए हैं। विशेषज्ञों का कहना है — घबराएं नहीं, लेकिन सतर्क जरूर रहें।
एक बार फिर से कोरोना वायरस देश के दरवाज़े पर दस्तक दे रहा है। आंकड़े धीरे-धीरे बढ़ते जा रहे हैं, और इस बार कहानी कुछ अलग है — नए चेहरे, नए वैरिएंट, और पहले से तेज़ संक्रमण की रफ्तार।
भारत में कोविड के एक्टिव केसों की संख्या 1000 पार कर गई है, जिसमें केरल सबसे आगे है — 430 मामलों के साथ। लेकिन ये तो सिर्फ शुरुआत है।
वैरिएंट्स की वापसी: चार नए चेहरे, एक पुरानी चिंता
ICMR के अनुसार, भारत में अब चार नए वैरिएंट्स की पहचान हुई है — LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1।
इनमें से JN.1 तो अब भारत का सबसे आम वैरिएंट बन चुका है। टेस्टिंग में 50% से ज्यादा सैंपल्स में यही मिला है।
लेकिन असली डर NB.1.8.1 से है — इसमें ऐसे स्पाइक म्यूटेशन हैं जो न सिर्फ तेजी से फैलते हैं, बल्कि इम्यून सिस्टम को भी चकमा दे देते हैं।
नॉर्थ ईस्ट से लेकर गुजरात तक फैला नेटवर्क
अरुणाचल प्रदेश की दो महिलाएं कोरोना पॉजिटिव पाई गईं — एक को हल्की खांसी है, दूसरी बिना लक्षण के संक्रमित है। इससे साबित होता है कि वायरस चुपचाप लेकिन लगातार अपनी पकड़ बना रहा है।
गुजरात, कर्नाटक, बिहार और हरियाणा में भी नए केस दर्ज हुए हैं। कुछ मरीज रिकवर हो चुके हैं, लेकिन हर नई लहर की शुरुआत भी तो ऐसे ही होती है, है न?
मौत का आंकड़ा फिर से दस्तक दे रहा है
देशभर में अब तक 12 लोगों की जान इस बार की कोविड वेव ने ली है।
फिरोजाबाद (UP) में 78 साल के बुजुर्ग की मौत राज्य में नए वैरिएंट से पहली मौत है।
महाराष्ट्र, राजस्थान, बंगाल, कर्नाटक और MP भी इस सूची में जुड़ चुके हैं।
जयपुर और ठाणे में 20-30 की उम्र के युवाओं की मौत ने डर को और गहरा कर दिया है। क्या ये संकेत है कि अब सिर्फ बुजुर्ग नहीं, युवा भी खतरे में हैं?
PM का दौरा और हाई अलर्ट: 100 मीटर के घेरे में कोरोना टेस्ट अनिवार्य
29-30 मई को प्रधानमंत्री मोदी का UP-बिहार दौरा है।
राज्यों के स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट पर रखा गया है। आदेश है कि PM के 100 मीटर के दायरे में रहने वाले हर व्यक्ति की कोरोना जांच की जाएगी।
JN.1: न दिखने वाला दुश्मन, जो ठीक होने के बाद भी पीछा नहीं छोड़ता
WHO ने JN.1 को 'वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' घोषित किया है। इसके लक्षण दिनों से लेकर हफ्तों तक बने रह सकते हैं। अगर आप लंबे समय से थकान, खांसी या सांस की तकलीफ झेल रहे हैं, तो हो सकता है ये लॉन्ग कोविड हो।
अभी डरने की नहीं, सतर्क रहने की ज़रूरत है
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि हालात गंभीर नहीं हैं, लेकिन अलर्ट रहना ज़रूरी है।
फिलहाल मास्क, दूरी और टेस्टिंग ही सबसे बड़ा हथियार हैं।
यह वायरस हर बार नया रूप लेकर लौटता है — और इस बार भी कहानी शुरू हो चुकी है...
तो क्या हम फिर उसी मोड़ पर खड़े हैं? या अबकी बार हम ज्यादा तैयार हैं?
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