अंतरराष्ट्रीय बालिका सप्ताह पर योगी सरकार का ‘व्यक्तिगत स्वच्छता संवाद’ बना बदलाव की मिसाल। बालिकाओं में मासिक धर्म स्वच्छता, आत्मसम्मान और स्वास्थ्य के प्रति नई चेतना का संचार।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने मिशन शक्ति 5.0 के तहत बालिकाओं के स्वास्थ्य, स्वच्छता और आत्मसम्मान को सशक्त करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है। अंतरराष्ट्रीय बालिका सप्ताह (3 से 11 अक्टूबर) के दौरान प्रदेशभर के सभी महिला एवं बाल देखरेख संस्थानों में “व्यक्तिगत स्वच्छता संवाद” कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसने बालिकाओं में मासिक धर्म स्वच्छता को लेकर नई सोच और आत्मविश्वास जगाया।

महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य विशेषज्ञों और प्रशिक्षकों ने बालिकाओं से सीधे संवाद किया। सेनेटरी पैड के सुरक्षित उपयोग, उनके निस्तारण और मासिक धर्म से जुड़े मिथकों पर वैज्ञानिक दृष्टिकोण से चर्चा हुई। बालिकाओं ने खुलकर अपने सवाल पूछे और विशेषज्ञों से स्पष्ट जवाब पाए।
अपर मुख्य सचिव लीना जोहरी ने कहा कि व्यक्तिगत स्वच्छता पर जागरूकता बालिकाओं के समग्र विकास का अभिन्न हिस्सा है। यह पहल न केवल स्वास्थ्य बल्कि आत्मनिर्भरता की दिशा में भी बड़ा कदम है।

प्रदेश के 131 बाल देखरेख संस्थानों, 8 महिला शरणालयों, 1 संरक्षण गृह और मानसिक मंदित महिलाओं के प्रकोष्ठ में रह रही महिलाओं-बालिकाओं को भी इस संवाद से जोड़ा गया।
मिशन शक्ति 5.0 के पांचवें चरण में 22 सितंबर से 10 अक्टूबर तक 14.64 लाख से अधिक लोगों को जागरूक किया गया, जिनमें महिलाएं, पुरुष, बालक और बालिकाएं शामिल हैं।
यह अभियान न केवल सामाजिक झिझक को तोड़ रहा है बल्कि यह संदेश भी दे रहा है कि —
“स्वच्छता ही आत्मसम्मान है, और आत्मसम्मान ही सशक्त नारी की पहचान।”
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